RAKHI Saroj

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लेखनी प्रतियोगिता -03-Dec-2022

रूह


चलों आज मेरे तन को छोड़ 
मेरी रूह को छू आओ कुछ 
पल‌ के लिए सही इस जग को‌ 
भूल‌ मेरे हो जाओ जब  मैं 
पुकारू तुम मेरी आंखों में बस 
मेरे अक्स में नज़र आओ ‌‌एक 
बार मेरी रूह में ‌‌‌उतर कर मेरे 
मुख से हटकर मेरे दिल में धुपे 
सौंदर्य को निहारों ना, ज़मीन से
हट एक बार उसकी मिट्टी की 
खुबसूरती से रिश्ता जोड़ देखो।
         राखी सरोज 

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10 Comments

Gunjan Kamal

03-Dec-2022 09:10 PM

बहुत खूब

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RAKHI Saroj

05-Dec-2022 01:20 AM

धन्यवाद आपका

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Raziya bano

03-Dec-2022 07:58 PM

Superb

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RAKHI Saroj

05-Dec-2022 01:21 AM

धन्यवाद आपका

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Arina saif

03-Dec-2022 06:29 PM

Nice

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RAKHI Saroj

05-Dec-2022 01:21 AM

धन्यवाद आपका

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